ओशो वाणी


 जगत में गलत फहमियां जैसा कुछ नही है, जो जहाँ तक देख पता है उसको उतना ही दिखाई पड़ता है,
जैसे-जैसे तुम स्वयं में गहरे उतरते जाते हो, समझ बढ़ती जाती है,
वैसे-वैसे तुम्हारी दृष्टि दूर तक देख पाने में सक्षम होती जाती है.

इसका मतलब गलत कोई नही है जिसका जितना अनुभव है वो अपनी जगह सही कह रहा है.
तो किसी को नीचा दिखाने या गलत सिद्ध करने से अच्छा है, अपनी दृष्टि को गहरा करो,
और दूसरों की दृष्टि का सम्मान करो और उनकी दृष्टि भीगहरी हो इसमें सहयोगी बनो.....!

 ओशो.....

Comments

Popular Posts

वासना और प्रेम ~ ओशो

माया से नहीं, मन से छूटना है ~ ओशो

परशुराम को मै महापुरुष मानता ही नही ~ ओशो